Rudra Abhishek Poojan Kit / रुद्राभिषेक पूजन किट
🔱 Rudrabhishek Pooja Kit for Shravan, With Abhimantrit Rudraksha Mala & Sacred Vedic Samagri!
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🌿 श्रावण विशेष – रुद्राभिषेक पूजन किट (संपूर्ण विधिविधान सहित) 🌿
"अब घर बैठे करें भगवान शिव का अभिषेक और पाएं उनकी असीम कृपा।"
श्रावण मास, जब समस्त प्रकृति भगवान शिव का स्वयं अभिषेक करती है — यही वह श्रेष्ठ समय है जब भगवान शिव की उपासना से अद्भुत फल की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में वर्णित है कि "रुद्राभिषेक" भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावशाली और पुण्यदायी उपाय है।
अब आप भी दुर्लभ दर्शन द्वारा लाए गए रुद्राभिषेक पूजन किट की सहायता से, संपूर्ण विधिविधान के साथ घर पर ही शिवलिंग का पूजन व अभिषेक कर सकते हैं।
📦 इस पूजन किट में आपको प्राप्त होगा:
🔱 पूज्य अर्पण / प्रतीक:
- अभिमंत्रित 108 रुद्राक्ष माला ,उज्जैन से विधिपूर्वक अभिमंत्रित।
- चाँदी का पवित्र बेलपत्र, जो शिव को अर्पण करने हेतु विशिष्ट है।
- पवित्र गंगा से प्राप्त, शुद्धिकरण एवं अभिषेक हेतु आवश्यक।
🪔 तिलक / टीका सामग्री:
- माथे पर शुभता हेतु।
- रंगीन चूर्ण, तिलक व सजावट हेतु।
- उत्सवों व पूजन अलंकरण के लिए।
- पूजन में तिलक के साथ प्रयोग होने वाला आवश्यक अंग।
🔥 पूजन सामग्री (दीप-धूप एवं अन्य वस्तुएँ):
- माचिस, रुई बत्ती, घी – दीप एवं वातावरण की शुद्धि हेतु।
- पंचामृत एवं अर्पण के लिए।
- तांबूल (लौंग, इलायची, सुपारी) – पूजन के समापन व सत्कार हेतु।
🧵 पवित्र धागे और अनुष्ठान सामग्री:
- अनुष्ठानिक परिधान।
- शिव कृपा की रक्षा हेतु कलाई पर बाँधा जाने वाला पवित्र सूत्र।
🌿 Shravan Special – Rudrabhishek Pooja Kit (With Complete Vedic Procedure) 🌿
"Now perform Rudrabhishek of Lord Shiva at home and receive His divine blessings."
Shravan month, when all of nature itself offers Abhishek to Lord Shiva — is considered the most auspicious time to worship Him and attain extraordinary spiritual benefits.
As per scriptures, Rudrabhishek is one of the most powerful and sacred ways to please Lord Shiva.
Now, with the Rudrabhishek Pooja Kit by Durlabh Darshan, you can perform Shiva Abhishek and worship the Shivling at home with full Vedic rituals.
📦 This Pooja Kit includes:
🔱 Sacred Offerings / Symbols:
-
Abhimantrit Rudraksha sanctified.
-
A pure silver Bilva leaf, specially meant to be offered to Lord Shiva.
-
Holy Ganga water, essential for purification and Abhishek.
🪔 Tilak / Tika Items:
-
Kumkum – for auspicious tilak on the forehead.
-
Abir – colored sacred powder for tilak and decoration.
-
Gulal – used in festive and ceremonial decoration.
-
Chandan – sandalwood paste, an essential element in ritual tilak.
🔥 Pooja Essentials (Deep–Dhoop & More):
-
Matchbox, cotton wicks, ghee – for lighting diyas and purifying the space.
-
Panchamrit and other offerings.
-
Tambul (clove, cardamom, supari) – offered at the conclusion of pooja.
🧵 Sacred Threads and Ritual Items:
-
Ritualistic cloth and sacred red thread to be tied on the wrist for divine protection and blessings of Lord Shiva.
✨ Make this Shravan divine and spiritually fulfilling by bringing home the sacred Rudrabhishek Kit – carefully curated with sanctity and devotion.
सरल और संक्षिप्त शिव पूजन विधि
निम्नलिखित विधि के द्वारा आप भगवान शिव की पूजा सरलता और भक्ति के साथ कर सकते हैं। इस विधि को यथासंभव संक्षिप्त और व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया गया है ताकि आप इसे आसानी से समझ सकें और उपयोग कर सकें।
1. दीप प्रज्वलन
सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन करें और निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
मंत्र:
ॐ शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदः।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥
2. भूमि को नमस्कार
पूजा स्थल की शुद्धि के लिए भूमि को नमस्कार करें:
मंत्र:
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका।
देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां, देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥
3. पवित्रीकरण
आत्म-शुद्धि के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
मंत्र:
अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं सः बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥
4. तिलक
तिलक लगाएं और निम्न मंत्र पढ़ें:
मंत्र:
ॐ स्वस्ति नः इन्द्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः
स्वस्ति नः तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः
स्वस्ति नः बृहस्पतिर्दधातु
5. आचमन
तीन बार आचमन करें और प्रत्येक बार निम्न मंत्र पढ़ें:
मंत्र:
ॐ केशवाय नमः
ॐ माधवाय नमः
ॐ नारायणाय नमः
6. भगवान गणपति का ध्यान
प्रथम पूज्य गणपति का स्मरण करें:
मंत्र:
ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
7. पूजा का संकल्प
पूजा का संकल्प लें:
मंत्र:
विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद् भगवतो महापुरुषस्य विष्णोः आज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्य ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीये श्वेत‑वराह‑कल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलि‑प्रथम‑चरणे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे [आपका स्थान] मासे [मास का नाम] कृष्ण/शुक्ल‑पक्षे [तिथि] तिथौ [वार, नक्षत्र, योग, करण] एवं गुणविशेषण विशिष्टायां अस्मिन्लोके [आपका नाम], [आपका गोत्र यदि हो] गोत्रोत्पन्नः अहं गृहे भगवान सांब सदाशिव प्रीत्यर्थं महारुद्र भगवान शिव अभिषेक पूजन कर्म अहं करिष्ये।
8. प्रथम पूज्य गणपति और देवी अंबिका का स्मरण
गणपति और माता अंबिका का स्मरण करें।
9. भगवान शिव के गणों को नमस्कार
निम्न मंत्रों के साथ शिव गणों को नमस्कार करें:
मंत्र:
ॐ काल भैरवे नमः
ॐ वीरभद्र नमः
ॐ नन्दी गण देवताभ्यो नमः
ॐ चंद्राय नमः
ॐ भुजंगेशाय नमः
ॐ समस्त शिव गण देवताभ्यो नमः
10. देवी पार्वती का स्मरण
माता पार्वती का ध्यान करें:
मंत्र:
अम्बे अम्बिके अम्बालिके न मानयति कश्चन।
ससत्स्यकश्चकः सुभद्रिकां काम्पीलवासिनीं॥
11. भगवान शिव का ध्यान और आवाहन
शिव का ध्यान करें और आवाहन करें:
मंत्र:
ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं वन्दे जगत्कारणम्।
वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पतिम्॥
वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम्।
वन्दे भक्तजनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवं शंकरम्॥
12. स्थापना मंत्र
शिवलिंग की स्थापना करें:
मंत्र:
ॐ अस्यै प्राणाः प्रतिष्ठन्तु
अस्यै प्राणाः क्षरन्तु च
अस्यै देवत्वमर्चायै
मामहेति च कश्चन
13. पूजन क्रम
निम्न क्रम से पूजन करें:
-
आसन मंत्र:
ॐ सदाशिवाय नमः आसनं समर्पयामि -
पाद्य मंत्र:
ॐ महैश्वराय नमः, पाद्यं समर्पयामि -
अर्घ्य मंत्र:
ॐ त्रिपुरांतकाय नमः, अर्घ्यं समर्पयामि -
आचमन जल मंत्र:
ॐ नीलकंठाय नमः, आचमनीयं जलं समर्पयामि -
स्नान मंत्र:
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु॥
ॐ पिनाकिने नमः स्नान जलं समर्पयामि -
तीर्थोदक स्नान मंत्र:
गंगा गोदावरी रेवा पयोष्णी यमुना तथा।
सरस्वत्यादि तीर्थानि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्॥ -
गंधोदक स्नान मंत्र:
ॐ पार्वतीवल्लभाय नमः गंधोदकं जलं समर्पयामि -
पंचामृत स्नान मंत्र:
दुग्धं समर्पयामि
दधि स्नानं समर्पयामि
मधु स्नानं समर्पयामि
घृत स्नानं समर्पयामि
शर्करा स्नानं समर्पयामि
पयो दधि घृतं चैव मधु च शर्करायुतम्।
पञ्चामृतं मया नीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ उमाहेश्वराय नमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि -
शुद्धजल स्नान मंत्र:
ॐ उमामहेश्वराय नमः शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि -
अभिषेक स्नान:
रुद्रसूक्त के साथ अभिषेक करें।
14. यज्ञोपवीत और वस्त्र
यज्ञोपवीत मंत्र:
ॐ नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्।
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर॥
वस्त्र मंत्र:
सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवरणे।
मयोपपादिते देवेश्वर! गृह्यताम् वाससि शुभ॥
15. चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल
चंदन मंत्र:
ॐ श्रीखण्डं चन्दनं दिव्यं गंधाढ्यं सुमनोहरम्।
विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दनं प्रतिगृह्यताम्॥
कुमकुम, अबीर, गुलाल मंत्र:
नाना परिमल द्रव्यैः समर्पयामि
16. अक्षत और पुष्प
अक्षत मंत्र:
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि॥
पुष्प मंत्र:
ॐ मल्लिकादिसुगंधीनि मालत्यादीनि वै प्रभो।
मयानीतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
17. बेलपत्र
मंत्र:
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥
18. नैवेद्य
मंत्र:
शर्कराघृतसंयुक्तं मधुरं स्वादु च उत्तमम्।
उपहारसमायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम्॥
19. ताम्बूल
मंत्र:
ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः मुखशुद्ध्यर्थे ताम्बूलं समर्पयामि॥
20. दक्षिणा
मंत्र:
ॐ साङ्गाय सायुधाय साम्बसदाशिवाय नमः यथाशक्ति दक्षिणांभेट समर्पयामि।
21. आरती और कपूर निरंजन
आरती मंत्र:
जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव, अर्द्धांगी धारा॥
(पूरा आरती मंत्र ऊपर दिए गए अनुसार पढ़ें)
कपूर निरंजन मंत्र:
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥
ॐ भवानी शंकराय नमः कर्पूर निरंजनं समर्पयामि
22. मंत्र पुष्पांजलि
मंत्र:
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्।
ते ह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे साध्याः सन्तिदेवाः॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
23. क्षमा प्रार्थना
मंत्र:
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥
24. पूजा समर्पण
हाथ में जल लेकर निम्न वाक्य पढ़ें और जल भगवान शिव के समक्ष छोड़ दें:
मंत्र:
अनया पूजया भगवान सांब सदाशिव महारुद्र देवता साङ्गः परिवारः प्रीयताम् न मम॥
25. अंतिम प्रणाम
मंत्र:
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव॥
इस विधि को भक्ति और श्रद्धा के साथ करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हर हर महादेव!
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